श्री राजस्थानी दुर्गा पूजा समिति
स्थापना: १९६१
संस्थापक सदस्य
स्वर्गीय नौरंग राय चाचान की प्रेरणा से श्री महाबीर चाचान, श्री संतोष चाचान, श्री गिरधारी जाजोदिया, श्री बिनोद मंदावेवाल्ला द्वारा १९६१ में श्री राजस्थानी दुर्गा पूजा समिति की स्थापना राखी गई.
जिसके तहत सर्व प्रथम राजस्थानी समाज द्वारा नवरात्र के शुभ अवसर पर दुर्गा पूजा का आयोजन १९६१ में चुन्ना गोदाम में मात्र १५ रूपए के चंदे से प्रारम्भ किया गया.
और १९६५ में राजस्थानी दुर्गा पूजा का आयोजन राजस्थान विश्राम भवन में किया जाने लगा.
और इस संस्था को साथ देने जो विशेष लोग आगे आये उनमें श्री रोहित सराफ, सुरेश सिंघानिया, रमेश बावरी, बनवारीलाल बजाज, श्यामसुंदर जलेवा, राजकुमार जलेवा, कैलाश सराफ, सजन चोधरी प्रमुख थे.
१९६१ में प्रारंभ की गई नवरात्र दुर्गा पूजा की यह परम्परा नित नई ऊँचाइयों को छूती हुई आज अपनी उंच परकस्ठा पर है.
इस पुनीत यज्ञ में स्वर्गीय नागरमल बावरी एवं स्वर्गीय श्यामलाल सिंघानिया का सहयोग सदैव याद रखा जायेगा .
और इसी तरह श्री राजस्थानी दुर्गा पूजा समिती अपनी निष्ठा, विश्वास, समर्पण की भावना से आगे बढती हुई १९८५ में रजत जयंती समारोह तक आ पहुंची.
श्री राजस्थानी दुर्गा पूजा समिती का रजत जयंती समारोह श्री ओमप्रकाश जी अगरवाल की अध्यक्ष में पुरे जोश खरोश के साथ मनाया गया. इस सुअवसर पर एक सोवेनिअर का प्रकाशन किया गया.
जिसके तहत सर्व प्रथम राजस्थानी समाज द्वारा नवरात्र के शुभ अवसर पर दुर्गा पूजा का आयोजन १९६१ में चुन्ना गोदाम में मात्र १५ रूपए के चंदे से प्रारम्भ किया गया.
प्रयास चाहे छोटा था, पर भावना सच्ची थी, लगन और विश्वास पक्का था.
करीब ४ वर्ष तक चुना गोदाम में ही यह आयोजन ऐसे ही सामान्य रूप से चलता रहा.
१९६४ स्वर्गीय श्रद्धेय गज्जानंद जी चाचान की प्रेरणा से यह आयोजन उनके गरीखाना निवास में किया गया.
चाचान परिवार की अगुवाई में किया गया यह प्रयास रंग लाने लगा .
धीरे धीरे समाज के अन्य लोग जुड़ते चले गए.
और इस संस्था को साथ देने जो विशेष लोग आगे आये उनमें श्री रोहित सराफ, सुरेश सिंघानिया, रमेश बावरी, बनवारीलाल बजाज, श्यामसुंदर जलेवा, राजकुमार जलेवा, कैलाश सराफ, सजन चोधरी प्रमुख थे.
१९६१ में प्रारंभ की गई नवरात्र दुर्गा पूजा की यह परम्परा नित नई ऊँचाइयों को छूती हुई आज अपनी उंच परकस्ठा पर है.
इस पुनीत यज्ञ में स्वर्गीय नागरमल बावरी एवं स्वर्गीय श्यामलाल सिंघानिया का सहयोग सदैव याद रखा जायेगा .
और इसी तरह श्री राजस्थानी दुर्गा पूजा समिती अपनी निष्ठा, विश्वास, समर्पण की भावना से आगे बढती हुई १९८५ में रजत जयंती समारोह तक आ पहुंची.
श्री राजस्थानी दुर्गा पूजा समिती का रजत जयंती समारोह श्री ओमप्रकाश जी अगरवाल की अध्यक्ष में पुरे जोश खरोश के साथ मनाया गया. इस सुअवसर पर एक सोवेनिअर का प्रकाशन किया गया.
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